महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में किसान बदहाल हैं. इस साल जून तक 430 किसानों ने आत्महत्या की है. इनमें सबसे ज्यादा 101 मौतें बीड जिले में हुई हैं. यह राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे का गृह क्षेत्र है. मराठवाड़ा क्षेत्र अक्सर मौसम की बेरुखी का दंश झेलता है. यह क्षेत्र सूखा से प्रभावित रहता है.
एक अधिकारी ने बताया कि बीड में केवल जून महीने में 30 किसानों ने आत्महत्या की है. इस साल अभी तक बीड में आत्महत्या के 101 मामलों में से 46 मामले ऐसे थे, जिनमें किसान एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि के पात्र थे. पांच मामले अयोग्य घोषित किए गए और 50 मामलों में विचार किया जा रहा है.
धाराशिव में 76 किसानों ने आत्महत्या की
अधिकारी ने बताया कि कुल 430 में से 256 मामले अनुग्रह राशि के पात्र थे. इनमें से 169 मामलों में सहायता दी गई, जबकि 20 को खारिज कर दिया गया. 154 मामलों में जांच जारी है. आंकड़ों की बात करें तो बीड में 101, छत्रपति संभाजीनगर में 64, जालना में 40, हिंगोली में 17, परभणी में 31, लातूर में 33, नांदेड़ में 68 और धाराशिव में 76 किसानों ने आत्महत्या की है.एक अधिकारी ने बताया कि बीड में केवल जून महीने में 30 किसानों ने आत्महत्या की है. इस साल अभी तक बीड में आत्महत्या के 101 मामलों में से 46 मामले ऐसे थे, जिनमें किसान एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि के पात्र थे. पांच मामले अयोग्य घोषित किए गए और 50 मामलों में विचार किया जा रहा है.
धाराशिव में 76 किसानों ने आत्महत्या की
अधिकारी ने बताया कि कुल 430 में से 256 मामले अनुग्रह राशि के पात्र थे. इनमें से 169 मामलों में सहायता दी गई, जबकि 20 को खारिज कर दिया गया. 154 मामलों में जांच जारी है. आंकड़ों की बात करें तो बीड में 101, छत्रपति संभाजीनगर में 64, जालना में 40, हिंगोली में 17, परभणी में 31, लातूर में 33, नांदेड़ में 68 और धाराशिव में 76 किसानों ने आत्महत्या की है.